मंत्रालय: 
वित्त
  • बिल नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (संशोधन) अध्यादेश (ऑर्डिनेन्स), 2015 जगह लेगा जिसे 15 जून, 2015 को लागू किया गया था।
     
  • बिल इलेक्ट्रॉनिक रूप में चेक की परिभाषा में संशोधन करता है, और अदालतों के न्याय करने के अधिकार के उपयुक्त क्षेत्र को स्पष्ट करता है, जहाँ चेक बाउंस होने से संबंधित मामलों को दायर किया जा सकता है।
     
  • चेक के अस्वीकार (डिसऑनर) होने के मामले में:

-       यदि चेक प्राप्तकर्ता (जिसे चेक मिला हो) के खाते में कलेक्शन के लिए जाता ह, तब न्याय करने का अधिकार बैंक की उस शाखा के क्षेत्र में आएगा जहाँ प्राप्तकर्ता खाते को काम में लाता हो, या

-       यदि प्राप्तकर्ता बैंक को किसी अन्य तरीके से चेक देता हो, तब न्याय करने का अधिकार बैंक की उस शाखा के क्षेत्र में आता है जहाँ चेककर्ता (जिसने चेक लिख है) खाते को काम में लाता हो।

  • यदि प्राप्तकर्ता ने न्याय करने के उपयुक्त अधिकार वाली अदालत में चेककर्ता के विरुद्ध शिकायत दर्ज की है, उस व्यक्ति के विरुद्ध चेक बाउंस होने से संबंधित बाद की सभी शिकायतें उसी अदालत में दायर की जाएंगी।  ऐसा इस बात पर ध्यान दिए बिना किया जाएगा कि चेक उस अदालत के क्षेत्राधिकार के अंदर कलेक्शन के लिए भेजा गया हो या बैंक में प्रस्तुत किया गया हो।
     
  • यदि उसी चेककर्ता के विरुद्ध उसी प्राप्तकर्ता द्वारा एक से अधिक मामले अलग-अलग अदालतों में दायर किए गए हों, तब मामले को न्याय करने के उपयुक्त अधिकार वाली उस अदालत में भेज दिया जाएगा जहाँ पहला मामला दायर किया गया था।
     
  • इस बिल के लागू होने से पहले के, किसी भी अदालत में चेक बाउंस होने के संबंध में लंबित, सभी मामले न्याय करने के उपयुक्त अधिकार वाली अदालत में भेजे जाएंगे।
     
  • यह बिल 'इलेक्ट्रॉनिक रूप में चेक' की परिभाषा में भी संशोधन करता है। एक्टके तहत, इसे ऐसे चेक के रूप में परिभाषित किया गया जो कागज के चेक की हूबहू नकल होता था और जिसे डिजिटल हस्ताक्षर के प्रयोग से सुरक्षित प्रणाली में तैयार किया जाता था। परिभाषा में संशोधन किया गया है और अब इसका अर्थ है किसी भी कंप्यूटर संसाधन के प्रयोग से इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया गया वह चेक, जिसके ऊपर डिजिटल हस्ताक्षर और एसीमिट्रिक क्रिप्टो सिस्टम (डिजिटल हस्ताक्षर तैयार करने के लिए पब्लिक कुंजी (अर्थात् की) और प्राइवेट कुंजी की जोड़ी), या इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के साथ सुरक्षित प्रणाली में हस्ताक्षरित किया गया हो।
     
  • 'कंप्यूटर संसाधन', 'डिजिटल हस्ताक्षर', 'इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली' और 'एसीमिट्रिक क्रिप्टो सिस्टम' की परिभाषाओं का संशोधन कर उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में लिखी परिभाषाओं के समान कर दिया गया है।

 

 

अस्वीकरण: यह सारांश मूल रूप से अंग्रेज़ी में तैयार की गयी थी। हिन्दी में इसका अनुवाद किया गया है। हिन्दी रूपान्तर में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेज़ी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।